आर्यन खान भी सलमान खान बनने का ‘वादा’ कर रहे हैं!
आर्यन खान (Aryan Khan) की जमानत पर फैसला 20 अक्टूबर को होना है. वहीं, एनसीबी (NCB) की हिरासत के दौरान आर्यन खान की काउंसलिंग की खबर में उनके चैरिटी करने और एक अच्छा नागरिक बनने की बात सामने आई है. जानिए सजा को कम करने के लिए चैरिटी (Charity) कैसे काम आती है?
मुंबई में क्रूज ड्रग्स पार्टी केस (Cruise Drugs Party Case) में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) द्वारा गिरफ्तार हुए शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) की जमानत पर फैसला 20 अक्टूबर को लिया जाएगा. तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आर्यन खान जेल में केवल बिस्कुट और पानी के सहारे ही दिन काट रहे हैं. क्योंकि, जेल का खाना इस स्टार किड को पसंद नहीं आ रहा है. कहना गलत नहीं होगा कि मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद आर्यन खान बेसब्री के साथ अपनी जमानत का इंतजार कर रहे होंगे. वैसे, आर्थर रोड जेल में बंद आर्यन खान को लेकर सामने आ रहीं कई खबरों के बीच ये भी एक खबर सामने आई है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी ने ड्रग्स मामले में गिरफ्तार अन्य आरोपियों की तरह ही आर्यन खान की भी काउंसलिंग कराई थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आर्थर रोड जेल जाने से पहले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की हिरासत के दौरान हुई इस काउंसलिंग में एजेंसी के अधिकारी समीर वानखेड़े भी शामिल थे.
बताया गया है कि आर्यन ने काउंसलिंग के दौरान समीर वानखेड़े से अच्छा इंसान बनने की ‘वादा’ किया था. रिपोर्ट की मानें, तो आर्यन खान ने अच्छा नागरिक बनकर गरीबों और कमजोर लोगों की मदद करने का वादा किया था. आर्यन 8 अक्टूबर से अन्य आरोपियों के साथ आर्थर रोड जेल में हैं. वैसे, आर्यन खान के वादों को देखकर कहा जा सकता है कि उन्होंने सीधे तौर पर वही बातें कही हैं, जो 2015 में सलमान खान ने ‘हिट एंड रन केस’ में दोषी साबित होने से पहले उनके वकीलों ने दोहराई थीं. दरअसल, ‘हिट एंड रन केस’ में दोषी ठहराए गए सलमान खान की सजा में नरमी बरतने के लिए उनके वकील ने सेशंस कोर्ट से अपील की थी. सलमान के वकील ने उनके द्वारा ‘बीइंग ह्यूमन’ संस्था के जरिये चैरिटी का भी हवाला दिया. वकील ने कहा था कि सलमान खान ने चैरिटी के लिए 42 करोड़ रुपये खर्च किये हैं और 600 बच्चों का इलाज करवाया है. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या आर्यन खान भी सलमान खान बनने का ‘वादा’ कर रहे हैं?
सजा कम करने में कैसे काम आती है चैरिटी?
आर्थर रोड जेल में कैदी नंबर 956 का बैच लेकर सलाखों के पीछे पहुंचे आर्यन खान को जमानत दिलाने के लिए उनके वकीलों पहले ही अदालत में दलीलों का ढेर दे चुके हैं. बहुत हद तक संभावना है कि आर्यन खान के पास से ड्रग्स बरामद नहीं होने की वजह से उन्हें मामले में जमानत मिल जाए. क्योंकि, आर्यन के पास से सीधे तौर पर ड्रग्स की बरामदगी न होने को एक बड़ी राहत की खबर कहा जा सकता है. हालांकि, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने आर्यन को जिन धाराओं में बुक किया है, उसे साबित करने के लिए एजेंसी को आर्यन खान के फोन की जांच करनी होगी. रिया चक्रवर्ती और आर्यन खान के मामले में फोन ही मुख्य कड़ी नजर आ रहा है. हालांकि, आर्यन के वकील पहले ही कह चुके हैं कि विदेश में पढ़ाई के दौरान अगर उन्होंने कोई ड्रग्स से संबंधित मैसेज किया होगा, तो एनसीबी उसे आर्यन के खिलाफ इस्तेमाल नहीं कर पाएगी. क्योंकि, कई जगहों पर ड्रग्स के इस्तेमाल को वैध माना जाता है.
अगर ये मान लिया जाए कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा लगाई गईं एनडीपीएस एक्ट की धाराओं में आर्यन खान को सजा हो जाती है. तो, भी उन्हें राहत मिलने के रास्ते खुले हुए हैं. क्योंकि, एनडीपीएस एक्ट के तहत सजा को लेकर अलग-अलग प्रावधान है. अगर एनसीबी ये साबित कर देती है कि आर्यन खान ड्रग्स के व्यापार में शामिल हैं, तो ही उनके लिए चिंता की बात कही जा सकती है. क्योंकि, इस अपराध के लिए 10 से 20 साल की सजा के साथ ही एक से दो लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. लेकिन, इस बात की संभावना बहुत ही कम नजर आती है. वहीं, अगर आर्यन पर केवल नशीले पदार्थ का सेवन करने के मामले में दोषी साबित होते हैं, तो उनको एक साल कैद और जुर्माना लगाया जा सकता है.
जमानत और सजा कम करने के लिए चैरिटी है अचूक हथियार
2015 में सेशंस कोर्ट ने ‘हिट एंड रन केस’ में दोषी ठहराए गए सलमान खान को पांच साल की सजा सुनाई थी. जबकि इस मामले में अधिकतम 10 वर्षों की सजा का प्रावधान है. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सेशन कोर्ट ने फैसला देते समय सलमान खान के वकीलों की चैरिटी वाली दलीलों को भी मद्देनजर रखा था. सुनवाई के दौरान सलमान खान के वकील श्रीकांत शिवाडे ने सजा पर बहस के दौरान संजीव नंदा और एलिएस्टर परेरा केस का जिक्र करते हुए कहा था कि दोनों मामलों में अभियुक्त को तीन साल से ज्यादा की सजा नहीं दी मिली थी. संजीव नंदा मामले में हाईकोर्ट ने कम्युनिटी सर्विस को ध्यान में रखा था.
कोर्ट ने नंदा से दो साल की कम्युनिटी सर्विस करने और 50 लाख रुपए देने (हिट ऐंड रन केस के पीड़ितों के लिए) को कहा था. मुंबई हाईकोर्ट में सलमान खान की जमानत के लिए अपील करने गए सीनियर वकील हरीश साल्वे ने इस मामले में आसानी से उन्हें जमानत दिलवा दी थी. आसान शब्दों में कहें, तो ‘हिट एंड रन केस’ में सलमान खान को चैरिटी की वजह से ही सजा में राहत मिली थी. अगर आर्यन खान भी एनडीपीएस एक्ट की किसी छोटी-मोटी धारा में दोषी पाए जाते हैं, तो इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि जिस चैरिटी की बात उन्होंने काउंसलिंग में की है, वही उनकी सजा के कम होने का आधार भी तैयार कर देगी.