दिल्ली कैपिटल्स के इस खिलाड़ी ने अपने पिता की इच्छा के खिलाफ जाकर क्रिकेट को बनाया करियर, सचिन तेंदुलकर को मानता है द्रोणाचार्य
आप सभी ने महाभारत का वह वाक्य तो सुना ही होगा जिसमें कि एकलव्य ने गुरु द्रोणाचार्य से प्रत्यक्ष रूप से शिक्षा ग्रहण नहीं की थी बल्कि उनकी मूर्ति बनाकर उनकी मूर्ति के सामने लगातार अभ्यास करते हुए धनुर्विद्या सीखी थी है |कुछ ऐसे ही कहानी आज मनदीप सिंह की है जिन्होंने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को टीवी पर खेलते देखकर ही क्रिकेट की विद्या प्राप्त कि आज हम आपको इन्हें के बारे में विस्तार से बताएंगे
आपको बता दें कि मनदीप सिंह जाने के रहने वाले और उनका जन्म 18 अक्टूबर 1991 को हुआ था और यह सीधे हाथ के बल्लेबाज है और कभी कभी भी गेंदबाजी भी करते हैं आईपीएल के पहले सीजन में दिल्ली कैपिटल के तरफ से यह खेल रहे हैं और दिल्ली कैपिटल की टीम ने इन्हें 1.1 करोड़ देकर अपने साथ किया है इस आईपीएल में मनदीप सिंह मैच निर्णायक की भूमिका नजर आ सकते हैं क्योंकि यह टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज के साथ गेंदबाजी करते हैं|
कहा यह जाता है कि मनदीप सिंह के पिता हरदीप सिंह नहीं चाहते थे कि उनका बेटा क्रिकेटर न बने और एक अच्छी सी नौकरी करें| हालांकि मनदीप सिंह के पिता खुद एक कोच थे| लेकिन मनदीप के के सर पर भी क्रिकेट बनने का जो सवार था और उन्होंने पिताजी की इच्छा के खिलाफ जाते हुए पलटन पार्क में क्रिकेट की खूब प्रैक्टिस की और दुनिया में अपना नाम बनाया|
इनके जीवन में भी काफी उतार-चढ़ाव आए हैं और उन्होंने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से कभी भी फेस टू फेस कोई ध्यान नहीं लिया लेकिन टीवी पर इन्हें देख कर ही काफी अच्छा ज्ञान हासिल कर लिया| आज समय पर मनदीप सिंह बल्लेबाज ही नहीं बल्कि मीडियम पेस बॉलर भी है और काफी शानदार विकेट कीपिंग भी कर लेते हैं कहा जाता है कि मनदीप सिंह क्रिकेट के कोंबो पैक करें
साथ ही आपको बता दें कि मनदीप सिंह अंडर-19 वर्ल्ड कप के दौरान भारतीय टीम के उप कप्तान भी रहे थे उन्होंने साल 2015 16 क्रिकेट सीजन में एक डबल सेंचुरी भी अपने नाम करी है और साथ ही 10 शतक की पारी खेली है और यह इन्होने पंजाब टीम की तरफ से आईपीएल भी चला था जिसमें इन राइजिंग स्टार के अवार्ड से नवाजा भी गया था|