शाम के समय गलती से भी ना करें यह काम, वरना आपको हो सकता है धन की हानि!!
संध्या काल का समय दिन और रात के मिलन का समय होता है। शाम के समय कुछ ऐसे ही काम को करना हमारे शास्त्रों में वर्जित माना गया है। इससे देवी देवता रुष्ट हो जाते हैं। हालांकि बदलते लाइफस्टाइल के वजह से हम इन नियमों का पालन नहीं कर पाते हैं लेकिन हमें पूरी तरह कोशिश करनी चाहिए कि इन सरल नियमों का अवश्य पालन करें। इससे हमारे जीवन में सुख समृद्धि आती है आज हम आपको कुछ ऐसे ही काम बताने जा रहे हैं जिन्हें संध्याकाल में करने से व्यक्ति को शारीरिक परेशानी के साथ-साथ आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
तो चलिए जानते हैं ऐसे कौन से काम है जिसे संध्याकाल में नहीं करनी चाहिए
किसी की चुगली ना करें
वैसे तो किसी की बुराई व चुगली हमें कभी भी नहीं करनी चाहिए लेकिन शाम का समय चुगली करने के लिए स्पष्ट तौर पर मना किया गया है इसे सौभाग्य समाप्त हो जाता है और आपके घर में दुर्भाग्य का प्रवेश हो जाता है।
दूध दही प्याज किसी को ना दें
सूर्यास्त के समय या संध्या काल के समय कोई भी आपके घर दूध दही या प्याज जैसी चीजों को मांगने आते हैं, तो इसे आप साफ मना कर दे क्योंकि किसी भी बाहरी व्यक्ति को इन 3 चीजों का दान सूर्यास्त के समय करना बहुत ही गलत बताया इससे आपके घर की बरकत समाप्त हो जाती है।
पेड़-पौधों को हाथ न लगाएं
हिंदू शास्त्र के अनुसार संध्या काल में और सूर्यास्त के बाद कभी भी किसी भी पेड़ पौधे को गलती से भी हाथ ना लगाए ऐसा माना जाता है कि वह समय उनके सोने का समय है और उन्हें परेशान करना बहुत गलत माना जाता है। सूर्यास्त के बाद तुलसी के पौधे में ना तो जल चढ़ाएं और ना ही उसके पत्तों को छुए।
झाड़ू ना करें
सूर्यास्त के बाद कभी भी घर पर झाड़ू नहीं लगाना चाहिए। ऐसे करने से सकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है और घर में दरिद्रता आती है इसलिए सूरज ढलने से पहले ही घर की साफ सफाई करें।
गलती से भी सोए ना
शास्त्रों के अनुसार जब दो पहर आपस में मिल रहे हो उस वक्त सोना नहीं चाहिए यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है और धार्मिक दृष्टि से भी इसे उचित नहीं माना गया है शाम के समय सोने वाले लोग मोटापे से ग्रस्त हो जाते हैं, और उनके शरीर में आलस बढ़ते ही चले जाता है। ऐसा माना जाता है कि शाम के समय सोने वाले लोगों के देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती है।
भोजन ना करें
हिंदू शास्त्र के अनुसार जब सूरज ढ़लने वाला है तब भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आपको पेट से संबंधित बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है यदि आपको बहुत ज्यादा भूख लगी है तो आप हल्का फुल्का नाश्ता या फल कर सकते हैं।
पढ़ाई भी ना करें
ऐसा माना जाता है कि संध्या काल के समय पढ़ाई भी नहीं करनी चाहिए सुबह के समय पढ़ाई करना सबसे सर्वश्रेष्ठ होता है। ऐसा माना जाता है कि शाम के समय व्यक्ति को पढ़ाई की बजाये मनोरंजन तथा दूसरों के साथ मिलने जुलने में बिताना चाहिए। इससे व्यक्ति का दिमाग तरोताजा हो जाता है और वह अच्छे से अपने ध्यान को केंद्रित कर सकता है।