शिव जी की पूजा में भूलकर न करें ये गलतियां, जाने व्रत-पूजा का सही नियम
हिंदू धर्म में हफ्ते के सातों दिन किसी ना किसी भगवान को समर्पित है ऐसे में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। संसार में शिव संघार के देवता माने जाते हैं वही इन्हें शंकर, आशुतोष, महादेव, भोलेनाथ सहित अनेक नामों से जाना जाता है। ऐसे में शिवजी की पूजा के लिए सोमवार का दिन श्रेष्ठ माना गया है इसलिए सोमवार के दिन ही शिवजी की पूजा की जाती हैम सोमवार के दिन भगवान शिव की आराधना करने से मनवांछित फल मिलता है।
लेकिन हर पूजा और व्रत को करने से पहले यह जान लेना चाहिए कि उस व्रत की पूजा किस नियम से किया जाता है शास्त्रों के हिसाब से ही पूजा करने से मन वांछित फल मिलता है इसीलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं सोमवार की पूजा की सरल विधि
सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें साफ-सुथरे वस्त्र ग्रहण करें फिर मंदिर जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करने के बाद व्रत करने का संकल्प लें। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करें और व्रत की कथा सुने। शास्त्रों के हिसाब से सोमवार के व्रत में तीन पहर में एक बार भोजन कर लेना चाहिए और इस व्रत में फलाहार लिया जा सकता है।
सोमवार व्रत के प्रकार
सोमवार का व्रत तीन प्रकार के होते हैं साधारण हर सोमवार को करने वाला व्रत शोम प्रदोष व्रत और 16 सोमवार व्रत। यदि आप सोमवार का व्रत करना चाहते हैं तो ये गलतियां ना करे
>>महादेव पर जरा भी आस्था विश्वास कम ना करें और ना ही श्रद्धा में कोई कमी रखें।
>>महादेव की पूजा सोमवार को करते समय काला वस्त्र धारण ना करें ऐसा माना जाता है कि महादेव को काला रंग बिल्कुल भी पसंद नहीं।
>>शिवजी की पूजा में केतकी का फूल तुलसी नहीं कभी ना चढ़ाएं।
>>शिवजी का जलाभिषेक कभी भी शंख से ना करें।
>>महादेव को कभी भी खंडित चावल ना चढ़ाएं इसे पाप लगता है।
>>शिवजी की पूजा करते समय कभी भी कुमकुम और हल्दी का तिलक ना करें।