इस चिड़ियाघर में है ‘आधी लोमड़ी आधा इंसान’, जानें आखिर क्या है पीछे का असली सच

आप कुछ ऐसा देखने वाले हैं जिसे आपने पहले कभी नहीं देखा होगा; आधी लोमड़ी-आधा इंसान! जी हां, पाकिस्तान में आधी लोमड़ी-आधा इंसान, मुमताज महल कराची चिड़ियाघर में मौजूद है, जिसे देखने के लिए हजारों-लाखों लोग आते हैं. जब भी लोग यह सुनते हैं कि यहां आधी लोमड़ी-आधा इंसान मौजूद है तो लोग घबरा जाते है. आगरा में आप मुमताज़ महल को एक प्रेमी के किले का प्रतीक पाते हैं, लेकिन कराची में कोई किला नहीं बल्कि एक चिड़ियाघर हैं. वहां एक मनोरंजन प्राणी है, जिसे देखने के लिए भीड़ जमा होती है.

इस चिड़ियाघर में है आधी लोमड़ी आधा इंसान
चिड़ियाघर में एक बॉक्स के अंदर एक खाट जैसी मेज पर एक छोटा जीव रहता है. लोमड़ी का पूरा शरीर दिखाई देता है, लेकिन उसका चेहरा बिल्कुल इंसानों की तरह है. आधी लोमड़ी-आधा इंसान, मुमताज महल कराची में चिड़ियाघर के विजिटर्स का मनोरंजन करता है. चिड़ियाघर को पहले गांधी गार्डन के नाम से जाना जाता था, लेकिन आज चिड़ियाघर में लगभग सभी जानवरों को पिंजरे में रखा गया है, जिसमें आधी लोमड़ी-आधा इंसान भी शामिल है. मुमताज महल का अर्थ है ‘महल का प्रिय आभूषण’. हालांकि इसमें कोई मुमताज स्थित नहीं है. इतना ही नहीं, प्रदर्शनी चिड़ियाघर के आगंतुकों को ‘आधी लोमड़ी, आधा इंसान’ भाग्य भी बतलाता है.

जानें आखिर क्या है इसका असली नाम
बता दें कि मुमताज इनका असली नाम नहीं बल्कि इनके कैरेक्टर का नाम है. इनका असली नाम मुराद अली है. वो पिंजरे के भीतर छिपकर 12 घंटे तक ऐसे ही बैठे रहते है. उन्हें देखने वाले लोग उनसे कई सवाल पूछते है और वो उसका जवाब भी देते हैं. लोग खुश होते है और उनके साथ तस्वीरें लेते है. कई लोगों को लगता है कि वो सच में ऐसे ही है, इसलिए अधिक कौतूहल से कई सवाल पूछते है.

दिन में लगातार 12 घंटे तक एक ही पोज में
मुमताज का ये रोल पहले मुराद अली के पिता किया करते थे. लेकिन उनकी मौत के बाद मुराद इस काम को करने लगे. वह दिन में लगातार 12 घंटे तक एक ही पोज में बैठे रहते हैं. इस दौरान उनका सिर लोमड़ी के धड़ के पास होता है, जबकि बाकी बॉडी टेबल के नीचे छुपी होती है. 10 रुपए का टिकट लेकर लोग उन्हें देखते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *