डायबिटीज से बढ़ जाता है हृदय रोग का खतरा, रोकथाम के लिए करे ये उपाय
बदलती दिनचर्या, अव्यवस्थित खानपान और परिश्रम की कमी के कारण डायबिटीज लोगों को अपना शिकार बना रही है। समय पर ध्यान नहीं देने के कारण डायबिटीज सीधे हार्ट और गुर्दे पर असर करती है। इससे लकवा और आंखों की रोशनी भी प्रभावित होती है। इसलिए जरूरी है कि डायबिटीज के लक्षण नजर आते ही तुरंत उपचार लिया जाए। ताकि किसी भी प्रकार की समस्या से बचा जा सके।
इतना रहना चाहिए शुगर लेवल
शरीर में शुगर की मात्रा कम या अधिक दोनों ही अवस्था व्यक्ति के लिए घातक है। सामान्यता: खाली पेट शुगर लेवल 110 के अंदर होना चाहिए। वही खाना खाने के बाद का शुगर लेवल 140 के अंदर रहना चाहिए। अगर इस लेवल से अधिक कम या अधिक ज्यादा शुगर आती है, तो व्यक्ति को चिकित्सक से सलाह लेकर उपचार कराना चाहिए।
परिश्रम अधिक करें
भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के परिश्रम में काफी कमी आई है। इसी कारण शरीर में शुगर की मात्रा भी बढ़ जाती है। क्योंकि व्यक्ति के शरीर में जितनी कैलोरी बनती है। उतनी खर्च नहीं हो पाती है। इस कारण व्यक्ति जितना अधिक परिश्रम करेगा, शुगर लेवल उतना ही नियंत्रित रहेगा। अगर शारीरिक श्रम नहीं कर पाते हैं, तो नियमित योग व व्यायाम करना चाहिए।
फास्ट फूड से बचें
लोग फास्ट फूड का अत्यधिक उपयोग करने लगे हैं। इसी के साथ ही पाउच पैकिंग खाद्य सामग्रियों का भी उपभोग बढ़ने लगा है। इन सभी के कारण ओबेसिटी बढ़ जाती है। जो डायबिटीज का मुख्य कारण है।इसलिए तली-गली चीजों के साथ ही फास्ट फूड के उपभोग से बचना चाहिए।
यह है डायबिटीज के लक्षण
प्यास अधिक लगना, पेशाब अधिक आना, रात में बार-बार उठ कर पेशाब जाना, थकान रहना, कमजोरी आना, वजन कम होना, चिड़चिड़ापन होना, भूख अधिक लगना, घुटनों सहित अन्य जोड़ों में दर्द होना, शरीर में कमजोरी आदि। अगर इस प्रकार के लक्षण नजर आते हैं। तो व्यक्ति को चाहिए कि वह शीघ्र ही शुगर लेवल की जांच कराएं और शुगर लेवल निर्धारित नहीं आता है, तो चिकित्सक से परामर्श लें।
Source : पत्रिका