ये है माँ लक्ष्मी के प्रसिद्ध 10 मंदिर, जहां जाने मात्र से दूर हो जाते है आर्थिक संकट
महालक्ष्मी सुख समृद्धि प्रदान करने वाली होती है। कहा जाता है कि महालक्ष्मी जिन से प्रसन्न होती है उनके जीवन में सुख समृद्धि और संपन्नता आती है। मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से जीवन में आई आर्थिक तंगी दूर होती है। शुक्रवार का दिन महालक्ष्मी जी का दिन माना जाता है और इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
वैसे तो हमारे देश में मां लक्ष्मी के अनगिनत मंदिर हैं, लेकिन कुछ ऐसे विशेष मंदिर हैं जहां जाकर देवी की पूजा अर्चना करने से बहुत अधिक लाभ मिलता है और महालक्ष्मी हमारे जीवन के संकट को दूर करती है-
तो चल दिए जानते हैं 10 ऐसे मंदिर-
पद्मावत मंदिर ,आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश के तिरुपति नगर में चिंतानूर नामक स्थान में श्री पद्मावती देवी मंदिर है इस स्थान को तिरूचानूर कहते हैं यह देवी लक्ष्मी जी ही है जो यहां अलबेली मंगिया कहलाती है इस विशाल मंदिर के निकट पथ्य सरोवर विराजमान है।
गज लक्ष्मी माता मंदिर ,उज्जैन
उज्जैन में 84 महादेव और 24 महादेवी के बीच गज लक्ष्मी माता का मंदिर है। ऐसा कहा जाता है कि इनकी पूजा माता कुंती ने भी की थी यहां देवी राजा विक्रमादित्य की आराध्या थी। यहां शुक्रवार को एक विशेष पूजा होती है कहते हैं मां लक्ष्मी चमत्कारी शक्ति से परिपूर्ण है जो दिन में तीन बार रूप बदलती है।
माता महालक्ष्मी मंदिर, रतलाम
रतलाम में महालक्ष्मी का एक पुराना मंदिर है जो पूरे भारत में फेमस है इस मंदिर की एक खास बात है- इस के कपाट धनतेरस से दिवाली तक खुलते हैं दिवाली में इस मंदिर की सजावट रूपये और गहनों से की जाती है और भक्तो को गहने व रुपए प्रसाद के रूप में मिलते हैं।
आष्टलक्ष्मी मंदिर, चेन्नई
तमिलनाडु में चेन्नई नगर में या मंदिर स्थित है। प्रधान मंदिर में श्री वेंकटेश्वर जी के तरफ श्रीदेवी तो दूसरी तरफ भूदेवी विराजमान है। वेद नारायण जी के मंदिर में पृथक रूप से महालक्ष्मी का मंदिर है इस मंदिर को प्रेमा देवी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
महालक्ष्मी मंदिर, वेल्लोर
दक्षिण के स्वर्ण मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है ये मंदिर। यहां स्थित महालक्ष्मी पहाड़ पर स्थित है इस मंदिर को बनाने में 1500 किलो सोने का उपयोग किया गया था।
महालक्ष्मी मंदिर, महाराष्ट्र
पालघर में स्थित महालक्ष्मी जी वहां के सारे क्षेत्र में बहुत प्रसिद्ध है। इस मन्दिर में सारे भक्त अपनी पहली फसल को अर्पित करने आते हैं जहां पर पितृ अमावस्या के दिन एक समारोह का आयोजन किया जाता है जहां सब अपनी पहली फसल सब्जी अनाज को महा लक्ष्मी जी को अर्पित करते हैं।
अंबाबाई मंदिर कोल्हापुर
108 शक्तिपीठों में 59वें स्थान पर और द्वादश प्रधान देव पीठों में पांचवे स्थान पर कोल्हापुर के अंबाबाई मंदिर का नाम आता है। यह पूरे देश में प्रसिद्ध है। राजा करण देव द्वारा इस मंदिर का निर्माण कराया गया था।
मंगला गौरी महालक्ष्मी मंदिर, गया
यहां पर माता महाकाली,महासरस्वती, महालक्ष्मी तीनों विराजमान है धार्मिक मान्यता के अनुसार गया की मंगला गौरी महालक्ष्मी स्वरूप बताया गया है। यह प्रसिद्ध मंदिर श्री विष्णुपद के आधे योजन की दूरी पर भीष्मपुर पर्वत पर विराजमान है आरा नगर की मां आरण देवी को श्री मां भगवती महालक्ष्मी स्वरूप माना जाता है।
महालक्ष्मी नारायण मंदिर,दिल्ली
दिल्ली के प्रमुख मंदिरों में से यह एक विशेष मंदिर है। लक्ष्मी नारायण मंदिर को मूल रूप में 1622 में वीर सिंह देव ने बनवाया था। इसके बाद पृथ्वी सिंह ने 1793 में इसकी जीर्णोद्धार कराया था। इसके बाद सन् 1938 में भारत के बड़े औद्योगिक परिवार बिड़ला समूह इसका विस्तार किया था इसलिए इसे बिड़ला मंदिर भी कहा जाता है।
महालक्ष्मी मंदिर इंदौर
इंदौर शहर के हृदय स्थल राजवाड़ा की शान कहे जाने वाले श्री महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण 1832 में मल्हार राव ने कराया था। फिर 1942 में मंदिर को पुनः जीर्णोद्धार कराया गया था। वर्तमान में मुंबई के महालक्ष्मी मंदिर की तर्ज पर इस मंदिर का जीर्णोद्धार करके इसे भव्य रुप दिया गया है।