पढ़िए कैसे शाहरुख खान ने अपने पिता के बारे में कह दिया था इतना कुछ😱

शाहरुख खान ने साल 2012 में दिए एक इंटरव्यू में पिता की मौत से लेकर अपनी जिंदगी के खालीपन और डिप्रेशन को लेकर ऐसे खुलासे किए थे, जिन्होंने फैन्स को झकझोर दिया था।

शाहरुख खान की गिनती बॉलिवुड के टॉप स्टार्स में होती है। उनके स्टारडम को देख हर कोई सोचता है कि काश उन्हें भी किंग खान जैसी लाइफ मिले। पर यहां तक पहुंचना आसान नहीं रहा। शाहरुख का बचपन गरीबी में बीता था। उनके पिता मीर ताज मोहम्मद खान एक फ्रीडम फाइटर थे। देश के बंटवारे के वक्त वह दिल्ली आ गए और यहां अपना रेस्ट्रॉन्ट चलाने लगे। भले ही गरीबी थी, लेकिन शाहरुख और उनकी बहनों को पिता ने सारी वैल्यू और जिंदगी की सीख दीं। उन्होंने बच्चों को जिंदगी जीने का सही फलसफा सिखाया। शाहरुख ने अपने पिता की दी सीख को अपनी जिंदगी में उतार लिया और उसे ही गूढ़ मंत्र मानकर आगे बढ़ने लगे।

यह शाहरुख की कड़ी मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि उन्होंने अपने परिवार को गरीबी से निकाला और अपनी सुनहरी किस्मत भी लिखी। शाहरुख को अपने पिता पर गर्व है। उन्होंने जो किया और जो सिखाया उसे शाहरुख आज भी नहीं भूले हैं। पर वह अपने पिता की तरह नहीं मरना चाहते। शाहरुख ने इसका जिक्र 2012 में दिए एक इंटरव्यू में किया था और अपने पिता को ‘सबसे सफल फेल्यिर’ बताया था।

जब शाहरुख ने की थी खालीपन पर बात

उसी इंटरव्यू में शाहरुख ने बताया था कि कैसे पिता की मौत के बाद उनकी जिंदगी में एक खालीपन आ गया था और उसी को भरने के लिए वह ऐक्टिंग करते हैं। उन्होंने कहा था, ‘कहीं न कहीं मेरे अंदर एक खालीपन है। एक बेचैनी सी है, कुछ अजीब सा है, जिसे में ऐक्टिंग से भरने की कोशिश करता हूं।’

15 की उम्र में खोए पिता, खुद गाड़ी चला घर लाए थे बॉडी

शाहरुख के पिता को कैंसर था और उनकी मौत के वक्त शाहरुख की उम्र सिर्फ 15 साल थी। गरीबी के साथ-साथ शाहरुख को उस वक्त ऐसा भी पल देखना पड़ा जब ड्राइवर तक ने उनके पापा की बॉडी को गाड़ी में घर पर लाने से इनकार कर दिया था। उस वक्त शाहरुख छोटे थे और ड्राइव करना तक नहीं जानते थे। शाहरुख ने बताया कि तब न जाने कैसे उन्होंने गाड़ी चलाई और पिता की बॉडी को घर ले आए। गाड़ी में तब साथ में उनकी अम्मी भी थीं। उन्होंने शाहरुख से पूछा कि तुमने गाड़ी चलाना कब सीखा? इस पर शाहरुख हैरान रह गए और जवाब दिया- बस अभी।

नहीं मिली थी मदद

शाहरुख ने बताया कि उस वक्त खुद उन्हें भी समझ नहीं आय था कि आखिर उन्होंने बिना सीखे गाड़ी कैसे चला ली? शाहरुख ने बताया था कि ड्राइवर ने उनके पिता की बॉडी को ले जाने से इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि उसे पैसे न मिलने की उम्मीद थी। पिता की मौत से एक रात पहले जब उनके पड़ोसी का ड्राइवर उन्हें और मां को अस्पताल ले जा रहा था तो कह रहा था कि जिनके लोग मर जाते हैं उनके घरवाले ठीक से पैसे भी नहीं देते। बस इतना कहकर वह ड्राइवर शाहरुख और उनकी मां को अस्पताल में उतारकर चला गया था।

पिता की मौत के शॉक से बहन को लगा था सदमा

अस्पताल में शाहरुख ने देखा कि उनके पिता जा चुके थे। वह एकदम ठंडे पड़ गए थे और जब पिता की बॉडी को लेकर घर आए, बहन को खबर दी तो वह खुद को संभाल नहीं पाई और बेहोश हो गईं। शाहरुख ने बताया था कि दो सालों तक उनकी बहन पिता को खोने के शॉक में रहीं और डिप्रेशन में चली गईं।

पिता की मौत की वो रात शाहरुख को बहुत कुछ सिखा गई

लेकिन शाहरुख नहीं चाहते थे कि उनकी हालत भी बहन जैसी हो जाए या डिप्रेशन में चले जाएं। इसलिए उन्होंने उस मुश्किल दौर से लड़ने के लिए खुद को तैयार किया। शाहरुख ने कहा था कि डिप्रेशन न हो इसलिए वह ऐक्टिंग करते हैं। शाहरुख ने कहा था कि जिस दिन उनके पिता की मौत हुई थी उसी दिन उन्होंने जिंदगी जीने का एक रूखा तरीका सीख लिया था।शाहरुख का कहना था कि वह अपने पिता की तरह एक अनजान बनकर नहीं मरना चाहते। उन्हें अपने पिता पर गर्व था, पर मानते थे कि उनके पिता के अंदर कहीं न कहीं फेलियर को लेकर एक डर था। आज वह डर शाहरुख के अंदर नहीं है पर इस वक्त वह बेटे आर्यन को लेकर डरे हुए हैं। उनका बेटा आर्यन ड्रग्स मामले में आर्थर रोड जेल में बंद है। आर्यन को 2 अक्टूबर को एनसीबी ने मुंबई में एक क्रूज पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया था और तभी से वह जेल में है। बुधवार को हुई सुनवाई में उनकी जमानत फिर से रिजेक्ट कर दी गई।

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