5 साल का बच्चा बना पुलिस आरक्षक, संभवत: देश का पहला मामला, इस वजह से मिली जिम्मेदारी

अभी तक आपने पूरे देश में पुलिस की नौकरी करते 21 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ही देखा होगा लेकिन आज हम आपको एक ऐसे नन्हे बालक की कहानी बता रहे हैं जो 5 वर्ष में ही बाल आरक्षक बनकर कर गजेंद्र सिंह अपनी नियुक्ति का पत्र एसपी से लिया. बाल आरक्षक के पिता की 2017 में पुलिस में नौकरी के दौरान हार्ट-अटैक से मौत हो जाने पर पांच साल के बच्चे को अनुकम्पा नियुक्ति मिली है. कटनी पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन ने अनुकम्पा नियुक्ति पत्र देकर पुलिस लाइन में पदस्थापना की है। यह मप्र पुलिस का सबसे नन्हा बाल आरक्षक बन गया है.

दरअसल बाल आरक्षक के पिता प्रधान आरक्षक चालक श्याम सिंह मरकाम निवासी कुहिया छपारा तहसील लखनादौन जिला सिवनी की 23 फरवरी 2017 को हार्ट-अटैक से मौत हो गई थी. पति की मौत के बाद पत्नी सविता मरकाम ने अपने 5 वर्षीय बेटे गजेंद्र मरकाम को पुलिस की नौकरी दिलाने की ठानी. परन्तु नरसिंहपुर में पद खाली न होने पर शासन स्तर से कटनी में पदस्थाना के निर्देश प्राप्त हुए. जिस पर पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन ने आवश्यक कार्रवाई कराते हुए मां की उपस्थिति में पांच वर्ष के बालक को बाल आरक्षक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति का पत्र सौंपा.

<strong>पुलिस लाइन में रहकर पढे़गा</strong>
वहीं एसपी ने बताया कि बाल आरक्षक गजेंद्र की पदस्थापना पुलिस लाइन में की गई है. बाल आरक्षक कोई काम नहीं करेगा. वह मां के साथ रहकर पढ़ाई करेगा. जब यह 18 वर्ष का हो जाएगा और शैक्षणिक योग्यता के साथ शारीरिक दक्षता प्राप्त कर लेगा. उसके बाद चरित्र प्रमाणपत्र के आधार पर आरक्षक के पद पर पदस्थापना होगी.

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