इस गांव के घरों में कभी नहीं लगते ताले, शनिदेव करते हैं गांव की रक्षा

शनि देव को न्याय प्रिय देव के रूप में माना जाता है. शनि देव सूर्य देव के पुत्र है. ऐसा कहा जाता है कि सूर्य देव और शनिदेव की कभी नहीं बनती थी, जिस वजह से सूर्य देव शनिदेव का तिरस्कार करते थे. शनिदेव के प्रकोप की वजह से सूर्य भी नष्ट हो गया था. शनिदेव के भारत देश में बहुत से मंदिर है. शनिदेव का एक मंदिर महाराष्ट्र में अहमदनगर जिले के पास शनि शिंगणापुर में भी है, जहां दूर-दूर से लोग आते हैं.

ऐसा कहा जाता है कि कई साल पहले शनि शिंगणापुर में प्रवर नदी की बाढ़ में एक बड़ा काला पत्थर बह गया था, जो नदी किनारे पहुंच गया. नदी किनारे एक शख्स पेड़ की लकड़ी तोड़ रहा था. उसने जैसे ही पत्थर पर कुल्हाड़ी से प्रहार किया तो पत्थर से खून बहने लगा.

यह देखकर वह व्यक्ति ग्रामीणों के पास पहुंचा और सब कुछ बताया. लोगों ने जब पत्थर के पास जाकर देखा तो वहां एक काले पत्थर की चट्टान से खून बह रहा था. ऐसा कहा जाता है कि शनिदेव एक गांव के एक व्यक्ति के सपने में आए थे और उन्हें पत्थर की चट्टान के रूप में गांव में स्थापित करने को कहा था.

सपने में शनि देव ने उस व्यक्ति को यह भी कहा था कि जिसके बीच चाचा-भतीजे का रिश्ता होगा, वही उस चट्टान को स्थापित कर पाएंगे. इस वजह से गांव के चौराहे पर उस पत्थर को स्थापित कर दिया गया और शनिदेव का मंदिर बना दिया गया. इस मंदिर में भगवान शनि देव के दर्शन करने दुनियाभर से लोग आते हैं.

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