आखिर क्यों जय शाह और सौरव गांगुली के बीच हो सकती है बड़ी जंग,जानिए कारण
बता दें कि टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि बीसीसीआई के सचिव जय शाह और सौरव गांगुली जो बीसीसीआई अध्यक्ष है दोनों ही ऐसी थी आईसीसी अध्यक्ष बनने की रेस में है रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि अब दोनों आमने-सामने है क्योंकि वर्तमान अध्यक्ष ब्रेक बांटने ने अपना कार्यकाल आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है ग्रेट बकरे ने नवंबर 2020 में अपना कार्यभार संभाला था जो इस साल नवंबर में खत्म हो रहा है और नियमों के तहत हर 2 साल में एक नया अध्यक्ष चुना होता है जो 6 साल तक रह सकता है या अपना कार्यकाल पूरा करने तक रुक सकता है
पहले भी यह कहा गया था कि बीसीसीआई चाहती है कि 2023 के वर्ल्ड कप में ऐसी अध्यक्ष कोई भारतीय होना चाहिए और साल 2011 में जब भारत ने वर्ल्ड कप में नाम किया था तब आईसीसी के अध्यक्ष शरद पवार थे वही अब बीसीसीआई चाहती है कि साल 2030 में होने वाले वर्ल्ड कप में भारत के तरफ से आईसीसी अध्यक्ष कोई भारती होना चाहिए द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार आईसीसी की मौजूदा चेयरमैन के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिन के साथ अच्छे संबंध है और अपने कमेंट के चलते कार्यकाल बढ़ाने में कोई भी रुचि नहीं ले रहे हैं
बर्कले ऑकलैंड में स्थित एक कमर्शियल वकील भी है वह ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की अलग-अलग कंपनियों के साथ काम भी कर रहे हैं हालांकि आईसीसी के प्रवक्ता बार कल के पद छोड़ने की बात को खारिज करते हुए नजर नजर आ रहे हैं सौरव गांगुली जो वर्तमान में विश्व के अध्यक्ष हैं और आईसीसी की क्रिकेट कमेटी के चेयरमैन के पद पर भी शामिल है वह आईसीसी अध्यक्ष बनने के लिए अच्छा विकल्प हो सकते हैं वही जैसा भी इसमें शामिल है क्योंकि वह भी एशियन क्रिकेट काउंसिल के प्रेसिडेंट है
आईसीसी में अब तक 2 भारतीय अध्यक्ष रह चुके हैं जिनमें जगमोहन डालमिया और शरद पवार शामिल है टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि जैसा आईसीसी के अध्यक्ष बनने के लिए काफी इच्छुक भी हैं क्योंकि 2023 का वर्ल्ड कप भारत में खेला जाएगा और ऐसे में हो सकता है कि उस समय बीसीसीआई से ही कोई आईसीसी का अध्यक्ष बन जाए वहीं दूसरी और सौरव गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष बनने के लिए तैयार है लेकिन इससे पहले वह तय करेंगे कि जब भी चुनाव हो तो उनके समर्थन पर ज्यादा वोट मिले|