इस लैब की टैंक में रखी गई हैं इंसानों की डेड बॉडी, वैज्ञानिक जिंदा करने के लिए कर रहे कुछ ऐसा
कहा जाता है कि ‘किसी भी इंसान की जिंदगी और मौत भगवान के हाथ में होती है, जब जैसे दुनिया से अलविदा होना होगा तो वह हो ही जाएगा.’ हालांकि, अब वैज्ञानिकों द्वारा कुछ अलग सोचा जा रहा है. मरे हुए इंसानों को जिंदा करने का एक्सपेरिमेंट पिछले कई सालों से चल रहा है. लोगों को टैंक में बंद करके रखा गया है और उन पर प्रयोग किया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका के एक लैब की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यहां पर लाशों को जिंदा करने का एक्सपेरिमेंट (Living Dead Experiment) किया जा रहा है.
इंसानों को दोबारा जिंदा करने के लिए हो रहा एक्सपेरिमेंट
इंसान अपना प्रयोग करना बिल्कुल भी बंद नहीं करता. मेडिकल की दुनिया में कई ऐसे एक्सपेरिमेंट होते है, जिसपर भरोसा करना मुश्किल है. हालांकि, वैज्ञानिक अब मरे हुए लोगों को जिंदा करने की कोशिश करते हुए नजर आ रहे हैं. बढ़ती तकनीक के साथ वैज्ञानिक भी अपने कदम साथ-साथ बढ़ा रहे हैं. कुछ ऐसी तकनीक खोजी जा रही है, जिसमें मरे हुए लोगों को जिंदा किया जा सकेगा. इस पर अमेरिका क्रायोनिक्स (Cryonics) नाम की टेक्नीक का इस्तेमाल कर रहा है. इसमें मानव शरीर को टैंक में -196 डिग्री में फ्रीज किया जाएगा. जब भी किसी शख्स की मौत होती है तो जल्द से जल्द वैज्ञानिक उस शरीर को संरक्षित करती है.
अमेरिका के इस लैब में रखे गए हैं कई सारे डेड बॉडी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका के एक एरिजोना में बने लैब के भीतर क्रायोनिक्स तकनीक के जरिए दोबारा जिंदा होने की उम्मीद में कई लाशों को स्टोर करके रखा गया है. इस एक्सपेरिमेंट के लिए कई रईस लोगों ने अपने मौत से पहले ही एक्सपेरिमेंट में शामिल होने के लिए मोटे पैसे दिए हैं, ताकि वह भविष्य में दोबारा जिंदा हो सके. इस उम्मीद में वैज्ञानिकों ने उनकी डेड बॉडी को लैब में रखा है. क्रायोनिक्स में शवों को बेहद ही ठंडे टेम्परेचर में रखा जाता है, जिससे मरने के बाद इंसान की डेड बॉडी को कई सालों तक कोई भी नुकसान नहीं होगा.
एक्सपेरिंट में शामिल होने के लिए दिए गए मोटे पैसे
जिन्होंने मरने से पहले अपनी बॉडी को इस एक्सपेरिंट में शामिल होने के लिए पैसे दिए हैं, उन्हें उम्मीद थी कि जब कभी भविष्य में जिंदा करने वाली टेक्नीक आ जाएगी तो वह दोबारा जिंदा हो सकेंगे. वैज्ञानिकों का एक्सपेरिमेंट अभी भी जारी है और इस मामले में एक्सपर्ट की राय है कि करीब 100 साल पहले लोगों को यह भरोसा नहीं होता था कि चांद पर कोई भी इंसान पहुंच सकता है, लेकिन आज ऐसा हो चुका है. किसे मालूम कि आगे आने वाले 100 साल में क्या बदलाव आ जाए. ऐसे में यह उम्मीद करना कि मरे हुए लोगों को दोबारा जिंदा किया जा सकता है तो इसमें बुराई क्या है.