कार्तिक माह में इन दिन है तुलसी विवाह, जाने पूजा का तरीका

हर वर्ष कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को एकादशी, देवउठनी, देव प्रबोधिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इसे तुलसी विवाह के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन तुलसी पौधे का विवाह शालिग्राम के साथ कराया जाता है।

इसी एकादशी की तिथि पर भगवान विष्णु 4 महीने की योगनिद्रा के बाद जागते हैं। विवाह परंपरा के अनुसार घर के आंगन में गन्ने से मंडप बनाकर तुलसी जी और शालिग्राम के फेरे किए जाते हैं। इसमें तुलसी विवाह करने से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

इस वर्ष तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष तुलसी विवाह -15 नवंबर सोमवार को मनाया जाएगा।
द्वादशी तिथि प्रारंभ -15 नवंबर सोमवार 5:09 से
द्वादशी तिथि समाप्त -16 नवंबर मंगलवार 7:45 तक।

तुलसी विवाह के मंत्र – तुलसी स्तुति मंत्र
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः,
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।

तुलसी पूजन मंत्र
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

तुलसी ध्यान मंत्र
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।

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