ज्यादा मात्रा में कॉफी का सेवन थायरॉयड के मरीजों के लिए हो सकता है खतरनाक, रखे इन बातों का ध्यान

बढ़ती उम्र के साथ बीमारियां भी लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर देती हैं। कभी हार्मोनल गड़बड़ी तो कभी आनुवांशिक कारणों से लोग किसी बीमारी के मरीज बन जाते हैं। खराब लाइफस्टाइल के कारण कम उम्र में भी लोग इनके शिकार हो जाते हैं। ऐसी ही एक बीमारी है थायरॉयड, बता दें कि ये गर्दन के पास स्थिति तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है। इस ग्लैंड से थायरॉक्सिन हार्मोन निकलता है जो ह्यूमन एक्टिविटीज के लिए आवश्यक है। पर जब ये हार्मोन कम या अधिक मात्रा में निकलने लगता है तो उस परेशानी को क्रमशः हाइपोथायरॉयडिज्म और हाइपरथायरॉयडिज्म कहते हैं।

बता दें कि थायरॉयड ग्लैंड ही मेटाबॉलिज्म पर काबू करता है, ऐसे में इसके ठीक से कार्य नहीं करने पर लोगों का वजन बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि थायरॉयड के मरीजों को अपने खानपान की खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। उनके मुताबिक कॉफी का अधिक सेवन इनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।

बता दें कि कॉफी में पाया जाने वाला तत्व कैफीन थायरॉयड मरीजों की परेशानी को और बढ़ा सकता है। ये शरीर में थाइरॉक्सिन हार्मोन को एब्जॉर्ब होने में रुकावट पैदा करता है। आइए जानते हैं कि लोगों को अन्य किन बातों का रखना चाहिए ध्यान –

आमतौर पर सोया उत्पादों को सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। लेकिन थायरॉयड के मरीजों के लिए ये बेहद हानिकारक हो सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि ज्यादा सोया खाने से हाइपर थायरॉइडिज्म का खतरा बढ़ता है। ऐसे में लोगों को सोया बीन, सोया मिल्क या इसके अन्य प्रोडक्ट जैसे कि आटा, बरी और चाप जैसी चीजों से भी परहेज करना चाहिए।

फ्लैक्स सीड्स या अलसी के बीज को उनके स्वास्थ्य फायदों के लिए जाना जाता है। कई बीमारियों में इसका सेवन प्रभावी माना गया है। लेकिन थायरॉयड के मरीजों को इससे परहेज करना चाहिए क्योंकि इसमें पाया जाने वाला तत्व साइनोजेन मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। वहीं, कई डॉक्टर्स ऐसा भी मानते हैं कि इसके अधिक सेवन से मरीजों में गॉयटर बीमारी से पीड़ित होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

Source : जनसत्ता

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