नवरात्रि में इस दिशा में करना चाहिए कलश स्थापना

7 अक्टूबर 2021 से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है, और अब यह पूजा 9 दिनों तक चलेगी नवरात्रि में माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है। प्रत्येक दिन एक नए रूप की पूजा की जाती है और लोग नौ दिनों तक व्रत रखते हैं इस समय 9 दिन वातावरण भक्तिमय होगा। सभी अपने घर में पूजा अर्चना करेंगे साथ ही माता के लिए घट की स्थापना और ज्योति कलश की स्थापना भी करेंगे यह अखंड ज्योति होती है जो 9 दिनों तक जलती है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि घट स्थापना के लिए कौनसी शुभ दिशा है वास्तु शास्त्र के अनुसार घटस्थापना के लिए किस दिशा का चुनाव करना चाहिए–

घट स्थापना की शुभ दिशा
सभी लोग अपने घर में में नवरात्रि के पावन पर्व में घट स्थापना करते हैं। ऐसे में बहुत लोग नहीं जानते हैं कि कौन सी दिशा में घट स्थापना करना सबसे उत्तम होता है। कभी भी घट स्थापना उत्तर पूर्व दिशा में किया जाना चाहिए। उत्तर पूर्व दिशा को ईशान कोण कहा जाता है और यह देवी देवताओं के दिशा माना जाता है इसलिए माता की प्रतिमा और घटस्थापना इसी दिशा में करनी चाहिए और माता की मूर्ति की स्थापना के लिए चंदन की लकड़ी से बना पाता सबसे अच्छा होता है।

चंदन शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है इससे सभी प्रकार के वास्तु दोष का नाश होता है बस याद रखें की घट स्थापना और देवी प्रतिमा की स्थापना ऐसी जगह में करें जहां आसपास शौचालय व स्नानघर ना हो।

ध्वजारोपण के लिए शुभ दिशा
बहुत से लोग नवरात्रि में अपने घर की छत पर ध्वजा स्थापित करते हैं लेकिन बहुत से लोग उसके लिए शुभ दिशा नहीं जानते हैं ऐसे में उत्तर-पश्चिम दिशा सबसे उत्तम होता है ध्वजा स्थापना के लिए।

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