मोर पंख से मिल सकता है आपको इन वास्तु दोषों से छुटकारा, जाने मोर के पंख के चमत्कारी उपाय
वास्तु शास्त्र और हमारे धार्मिक ग्रंथों में मोर के पंख का काफी महत्व बताया गया है ऐसा माना जाता है कि मोर के पंख में सभी देवी देवता और नवग्रहों का वास होता है। आपने अक्सर बहुत से देवताओं को आभूषण के रूप में मोर के पंख का इस्तेमाल करते देखा होगा जैसे भगवान कृष्ण, माता सरस्वती, माता लक्ष्मी, इंद्रदेव, शिव पुत्र कार्तिकेय और गणेश जी सभी को मोर पंख किसी न किसी रूप में बहुत प्रिय होता है। महादेव के पुत्र भगवान कार्तिकेय को देवताओं का सेनापति माना जाता है और उनका वाहन मोर होते हैं जो देखने में बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक होता है।
जिस तरह मोर का पंख दिखने में बहुत खूबसूरत होता है वैसे ही यह घर के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है। एक वास्तु शास्त्री श्री रचना मिश्रा के अनुसार मोर का एक पंख ग्रह दोष से लेकर वास्तु दोष तक को दूर करने में भी मदद करता है। इसके साथ-साथ मोर का पंख आर्थिक समस्याओं को दूर करने में भी काफी मदद करता है। रुका हुआ धन प्राप्त करने में भी यह बहुत मदद करता है।
घर में मोर पंख रखने के फायदे
■यदि आप अपने घर में नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश को रोकना चाहते हैं तो मुख्य दरवाजे पर मोर के तीन पंख लगाए और उसके नीचे गणेश जी की प्रतिमा लगाएं साथ ही घर के पूजा घर में देवी देवताओं के साथ मोर के पंख रखना बहुत ही शुभ माना जाता है इसे सुख समृद्धि आती है।
■मोर का पंख प्रेम का प्रतीक है इसे बेडरूम में मोर का पंख रखें वास्तु शास्त्र के अनुसार बेडरूम में दो मोर के पंख को साथ में लगाने से आपके जीवन में प्रेम बना रहता है।
■आपने हमेशा देखा होगा कि भगवान कृष्ण को बांसुरी और मोर का पंख दोनों ही बहुत प्रिय तो यदि आप अपने घर पर कृष्ण जी की बांसुरी के साथ मोर का पंख रखते हैं तो यह वास्तु दोष को दूर करता है।
■माता सरस्वती को भी मोर पंख बहुत प्रिय है इसलिए यदि आपका बच्चा कमजोर है पढ़ाई में तो किताबों के बीच में मोर का पंख रखें जिससे पढ़ाई में बच्चे का रुझान बढ़ेगा।
■अपने घर की तिजोरी में मोर का पंख रखने से आर्थिक स्थिति में सुधार आती है।
■ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों को राहु की दशा चल रही है उन्हें सोते समय तकिए के नीचे मोर का पंख रखना चाहिए इससे राहु का प्रभाव कुछ हद तक कम हो जाता है।
■यदि आपकी कुंडली में ग्रह दोष है तो मोर के पंखों 21 बार मंत्र बोल कर पानी के छींटे मार दे फिर इस पंख को मंदिर में रख दें और सुबह नदी में प्रवाहित कर दें ऐसा करने से कुंडली के सारे दो खत्म होते हैं।