लाल गाजर से कई गुना ज्यादा फायदेमंद होता है काला गाजर, जानिए इसके लाभ

सर्दी के मौसम में लाल गाजर के साथ काली गाजर भी खूब बिकती देखी जाती है। इससे आप कई तरह की टेस्‍टी रेसिपी बना सकते हैं और जूस आदि का भी सेवन कर सकते हैं। यह काली गाजर पर्पल कलरकी भी नजर आती है। इससे कांजी बनाया जाता है, जो काफी टस्‍टी लगता है।

काली गजरों का ताजा उत्पादन ज्यादातर सर्दियों के मौसम के दौरान उपलब्ध होता है। यदि पोषण की बात की जाए तो इसमें बीटा कैरोटिन काफी ज्‍यादा मात्रा में पाया जाता है, जो हमारी आंखों के लिए बेहद फायदेमंद है।यही नहीं, इसमें और भी पोषक तत्‍व पाए जाते हैं जिसके बारे में हम कम ही जानते हैं। आइए जानते हैं क्‍या हैं वो.

काली गजर में शरीर की सूजन को कम करने के गुण पाए जाते हैं। यह कई बीमारियों के जोखिम को रोक सकती है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि बैंगनी खाद्य पदार्थ जैसे कि काली गजर मूत्र पथ के संक्रमण को रोकने में मदद कर सकते हैं।

एंटीऑक्सिडेंट एंथोकायनिन ऑक्सीडेंट से होने वाली क्षति से कोशिकाओं की रक्षा के लिए काम करते हैं। वे आपके रक्तप्रवाह से इन ऑक्सीडेंट को बेअसर और हटाकर शरीर की मदद करते हैं। यह उम्र बढ़ने के संकेतों को धीमा करने, आपकी त्वचा को युवा दिखाने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने जैसे अन्य लाभ प्रदान करता है। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर आहार आपके मस्तिष्क को सक्रिय रखने और आपके पेट को स्वस्थ रखने के लिए भी जाना जाता है।

इनमें कैलोरी कम होती है और यह फाइबर, विटामिन के, विटामिन सी, पोटेशियम और मैंगनीज से भरे होते हैं। इनमें कैरोटीनॉयड का भी अच्छा स्रोत होता है, जो आंखों और त्वचा की उम्र को बनाए रखने में मदद करता है। सर्दी के मौसम में विटामिन-सी से भरपूर खाद्य पदार्थों को लेना जरूरी माना जाता है, क्योंकि यह आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करता है और आपको सर्दी और फ्लू से बचाता है।

एंथोसायनिन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि काली गाजर आपकी आंखों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। एन्थोकायनिन आपकी दृष्टि को कई तरह से लाभ पहुंचा सकती है। इसे नियमित खाने से आंखों की दृष्टि को बढ़ती है, परिसंचरण में सुधार आता है और मैक्यूलर डिजनरेशन से लड़ने में भी मदद मिलती है।

काली गाजर के उपयोग से कांजी नामक पेय बनाया जाता है। इसमें सरसों के बीज का उपयोग होता है, जो सर्दी के मौसम में आपके पाचन को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। काली गाजर फाइबर से भरी होती है, जो पाचन को नियंत्रित करने में मदद करती है। काली गजर में पाया जाने वाला अधिकांश फाइबर घुलनशील होता है जो पाचन तंत्र में पानी को अवशोषित करता है और जेल जैसे पदार्थ में बदल जाता है। यह आपके पेट को अधिक समय तक भरा रखता है और रक्त में कोलेस्ट्रॉल कम करने और रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर करने में भी मदद कर सकता है।

काली जातर में हाई लेवल का एंथोसायनिन पाया जाता है, जो एक यौगिक है जिसमें एंटी-ऑक्सीडेंट प्रभाव होता है। काली गजार कैंसर कोशिकाओं से लड़ती है। एंटीऑक्सिडेंट शरीर में मुक्त कणों को खत्म करने और कैंसर की गतिविधि को बेअसर करने में मदद कर सकता है।

एक शोध ने सुझाव दिया कि नियमित रूप से काली गाजर खाने से अल्जाइमर जैसे न्यूरोलॉजिकल रोगों के जोखिम को कम करने में सकारात्मक लाभ हो सकते हैं। काली गाजर में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और एंथोसायनिन सहित कई घटक होते हैं, जो इस बीमारी के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

Source : नवभारत

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